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जवांईगीत - 1
चीरा पेरो जवांई पेचा निरखो जवांई
छोटी साली मांगे सिरनी दो न जवांई
कण्ठी पेरो जवांई डोरा निरखो जवांई
छोटी साली मांगे सिरनी दो न जवांई
सासू का जवांई सुसरा का जवांई
चीरा वाला रा बेनोई घुंघटु वालीरा ननदोई
छोटा नान्या रा फुफाजी हो न जवांई
छोटी साली मांगे सिरनी दो न जवांई
नोट – आगे रकम का नाम लेवना।
जवांई गीत -2
म्हारे आंगन बेठ्या जवांई, चीरा हो पेने
म्हारे आंगन बेठ्या जवांई, मोती हो पेने
वे चीरा री पेचा म्हारे बहुत प्यारी लागे
वे बहुत प्यारी लागे जवांई सासरे नहीं आवे
म्हारी बाई बिचे हो जवांई बहुत प्यारा लागे
वे अपनी माता में जवांई जीव घणो राखे
वे घर का धन्धा में जवांई जीव गणो राखे
म्हारी बाई बिचे हो जवांई भोत प्यारा लागे
नोट – आगे रकम का नाम लेवना।
ननद का गीत
ननद मांगे कंगना लाल की बधाई ।
ये कंगना तो म्हारा पियरिया से आया
रुपया ले लो ननदी लाल की बधाई ननद मांगे……
ये रुपया तो म्हारा सुसरा की कमाई
अठन्नी ले लो ननदी लाल की बधाई ननद मांगे……
अठन्नी तो म्हारा जेठ की कमाई
चवन्नी ले लो ननदी लाल की बधाई ननद मांगे……
ये चवन्नी तो म्हारा देवर की कमाई
दुअन्नी ले लो ननदी लाल की बधाई ननद मांगे……
दुअन्नी तो म्हारा जेठुता की कमाई
इकन्नी ले लो ननदी लाल की बधाई ननद मांगे……
ये इकन्नी तो मेरे लाल की कमाई
दो सिट्टा ले लो ननदी लाल की बधाई ननद मांगे……
ये सिट्टा तो मेरे हाथों की शोभा
दो धक्का ले लो ननदी लाल की बधाई
ननद मांगे कंगना लाल की बधाई
ननद का गीत
दूर देसासे बाई बाईजी आया
घणारे थक्यालु बाईजी आया वारी जाऊं राज
उठो उठो रे भावज उना पानी मेलो राज
घना हो दूर से बाईजी आया वारी जाऊं राज
थांका बीराजी बाईजी कुओ न खुदायो राज
पानी कठासे तपाऊं वारी जाऊं राज
उठो उठो ये भावज भात पसाओ राज
घना हो भुखालु बाईजी आया वारी जाऊं राज
थांका बीराजी साल ना बोई राज
भात कठासे पसाऊ वारी जाऊं राज
उठो उठो ये भावज झारी भराओ राज
घणा हो तिसालु बाईजी आया वारी जाऊं राज
थांका बीराजी बाईजी ना लगाया राज
झारी कठासे भराऊ वारी जाऊं राज
उठो उठो ये भावज भतीजो बताओ राज
भतीजो देखी घर जांवा वारी जाऊं राज
थांको भतीजो बाईजी झोली में सुतो राज
अभी सोयो न अभी उठे नहीं वारी जाऊं राज
उठो उठो ये भावज बीर बताओ राज
बीर मिलन घर जांवा वारी जाऊं राज
थांका बीराजी देश गया हो राज
अभी गया न अभी आवे नहीं वारी जाऊं राज
उठो उठो ये भावज बाट बताओ राज
बाट देखर घर जांवा वारी जाऊं राज
बाटन न जानूं बाईजी उबाट न जानूं राज
जु आया जु जाओ वारी जाऊं राज
दुकान बेठन्ता बाई रा सुसराजी पूछे राज
पियर गया था बहुअड़ कांई काई लाया राज
हस्ती भी लाया सुसराजी घुड़ल्या भी लाया राज
बलदांरी जोड़ी लारा लाया वारी जाऊं राज
भेस दुअन्ता बाई रा जेठजी पूछे राज
पियर गया था बहुअड़ कांई काई लाया राज
गोखरु भी लाया जेठजी पंगड़ी बंगी भी लाया राज
गजरा री जोड़ी लारा लाया वारी जाऊं राज
दड़ीये रमन्ता बाईरा देवर पूछे राज
पियर गया था बहुअड़ कांई काई लाया राज
साड़ी भी लाई देवर सालु भी लाई राज
कपड़ा री पेटी लारा लाई वारी जाऊं राज
मेल चढ़स्ता बाई रा सायब पूछे राज
पियर गया था गोरी कांई काई लाया राज
पियर गया था गोरी कांई काई लाया राज
हितो मती बोलो म्हारी काया मती बालो राज
पन्दर दिनारा दातन घरे आयर करया राज
हितो मती हारो गोरी काया मती बालो राज
अपना घरा सूखासो रेवो वारी जाऊं राज
गाली
म्हेतो आया पावण दारी
ब्याईजी वाली ने लेवा ने
बातो नाचन घर में सूती
आड़ी देदी टाटी रे
टाटी तोड़ निंजारो मारयो छाती फविरे
दो दिन रेजारे, दो दिन रेजारे बचना
रा बांध्या फेर मिलागा रे
दो दिन रेजा रे
पल्ला की तो म्हे पाग बंधावा
दिल्ली को डुपट्टो जी
मथरा का बजार में वाने
घोड़ा पर बिठावां ये
दो दिन रेजा रे
नोट – आगे सभी ब्याईजी का नाम लेवना।
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म्हारो तरहर बिछुजी राज आंगनियां में नाचती फिरे
उना वसुदेवजी वाली ने काट्यो री राज मथुरा का
बजार मे नाचती फिरे
वे तो वसुदेवजी पूछे राज किसन की मम्मी कठे काट्यो जी
वो तो अठे काट्यो वठे काढ़यो नी कूंजा
नोट – आगे सभी ब्याईजी का नाम लेवना।
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हाथ में जलेबी मुट्ठी में चना
थे कांई ब्याईजी शाना घना
ऐसी कांई रामजी की चोरी करी
मोटी लुगाई थांके पाले पड़ी
नोट – आगे ठीगणी, काली, चश्मेवाली, लम्बी, सुमड़ी आदि।
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पाचं बरस क भीम सेनजी ब्याई वांकी तेरह बरस घर
नार बालम छोटा सा
पानी भरन्ता बालम मचरु गया है कोई गोदी ले ले मेरी नार
बालम छोटा सा
रोटी पोऊ तो बालम मचल गया है कोई गोडे सुलाले
मेरी नार बालम छोटा सा
नोट – इसी प्रकार सबका नाम लेवना।
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ब्याईजी वाली रोज सराफा जाती है
रोज सराफा जाती है और झूमका मंगाती है
झूमका मंगाती है और बीच कमर लटकाती है
बीच कमर लटकाती है और चौराहे पर गाती है
झूमका गिरा रे बरेली के बजार में झूमका गिरा रे ……
ब्याईजी वाली रोज सिनेमा जाती है
रोज सिनेमा जाती इन्टरवल में गाती है
गम्मा से गम मिट जाये गम
होगी सुबह शाम हरे कृष्ण हरे राम
नन्द बाबा वाली रोज मंदिर जाती है
रोज मंदिर जाती है और प्रभु का ध्यान लगाती है
प्रभु का ध्यान लगाती है और बड़े प्रेम से गाती है
मुरली वाले ने घेर लई अकेली पनिया गई
ब्याईजी वाली रोज पलासिया जाती है
रोज पलासिया जाती है और मीठा पत्ता खाती है
मीठा पत्ता खाती है और चौराहे पर गाती है
मैं क्या करुं राम मुझे बुड्ढा मिल गया
नोट – इसी प्रकार से और जोड़कर गाना चाहिए।
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पिया मैं पढ़ी लिखी अंग्रेजी मेरी कदर बिगड़ गई रे,
सासूजी आया गेहूं दे दिया, आटा पीसो रे,
गोरे गोरे हाथों की नरम कलैया, छाला पड़ गया रे पिया……
जीठाणीजी आये, झाड़ू दे दी, झाड़ू निकालो रे,
दुबली-पतली कमर मेरी दु:खने लग गई रे पिया……
देरानी आई आटा दे दिया, रसोई बनाओ रे,
तीन सौ की साड़ी पहनी पल्ला लग गया रे पिया……
बाई सा आया बर्तन दे दिया, बर्तन मांजो रे,
डेढ़ सौ की घड़ी पहनी चाबी गुम गई रे पिया……
पियाजी आया पेड़ा लाया पेड़ा खालो रे
खिड़की में से बिल्ली आई पेड़ा खा गई रे पिया……
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नगरी नगरी तार दे दो ब्याईजी वाली गुम गई जी
एक लाख का टीका ले गई सवा लाख की झुमकी जी
घर तो सारा खाली कर गई, ब्याईजी ने कर गई अकेला जी
छोरा भी रोवे छोरी भी रोवे पापा मम्मी कहां गई रे
मत रोवो मेरे छोरा छोरी मुझे अकेला कर गई रे
नोट – आगे सभी ब्याईजी का नाम लेवना।
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गाली पूरी होने के बाद में गावे है
म्हारी गाली रो बुरो मत मानो ब्याईजी म्हारे दोय नाता जी
थारी अई देस्या बई देस्या जीजी परण्या देस्या दोय नाता जी
गाते गाते गलो दुख्यो, जीभ सुक्यां जाय कृष्णा को
मम्मी ने यूं नहीं पुछियो एक कप चाय पिलाय
सुपानी बिना कैसे कटेगी सारी रात
पेले चांदी का रुपया चलता था अब चले कागज के नोट
जमाने में दोस नहीं
पेले सासुजी से बहुएं डरती अब डरो सासुजी आप
जमाने में दोस नहीं
नोट – आगे जीठानी, देवरानी, ननद, सभी का नाम लेवना।
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भरी दुफेरी नही जाऊंगी डोला पिछवाड़े रखजो
पहलो बुलावो ससुराजी को आयो, बुढ़े के संग नहीं जाऊंगी
डोली……
दुजो बुलावो जेठजी को आयो जी
मूच्छर के संग नहीं जाऊंगी डोली……
तीजो बुलावो देवरजी को आयो,
सूटन के संग नहीं जाऊंगी
डोली……
पाचंवों बुलावो सायबजी को आयो
भरी दुफेरी चली जाऊंगी डोला अगवाड़े रख दो
मंगल गीत
होने दो घर वार पियाजी सासूजी को मजे चखा दूंगी
मैं नहाऊंगी गरम पानी से पियाजी को हण्डा भरवा दूंगी
सासूजी को ठण्डा पानी उसमें बर्फ मिला दूंगी
मैं जीमूंगी लड्डू पेड़े, पियाजी को बरफी मंगा दूंगी
सासूजी को सूखी रोटी उस पर चटनी लगा दूंग़ी होने दो………
मैं पियूंगी सोडा लेमन, पियाजी को शरबत मंगावा दूंगी
सासूजी को गरम पानी, उसमें नमक मिला दूंगी होने……
मैं चाबुंगी पान सुपारी, पियाजी को गुटखा मंगवा दूंगी
सासूजी को पीपल पत्ता उसमें चूना लगवा दूंगी होने……
मै घूमूंगी मोटर तांगा, पियाजी को स्कूटर मगंवा दूंगी
सासूजी को पैदल- पैदल पैर में से चप्पल हटवा दूंगी होने……
मंगल गीत
(प्रस्तुत गीत समाज में विवाहोपलक्ष्य पर विशेषकर लड़कियों के विवाह में गाया जाता है)
वृंदावन से तुलसा पधारया, आंगण वीच उतारिया म्हारा राम-2
के मारी तुलसा ब्रह्मा वर लावां, वा संग ब्याव रचावां म्हारा राम-2
ब्रह्माजी तो सृष्टि रचावे, यो वर म्हाने नही भावे मारी मायं -2
वृंदावन से तुलसा पधारया, ……………………… म्हारा राम-2
के मारी तुलसा शंकर वर लांवा, वा संग ब्याव रचावां म्हारा राम-2
वृंदावन से तुलसा पधारया, ……………………… म्हारा राम-2
शंकरजी तो डमरु बजावे, यो वर म्हाने नही भावे मारी मायं -2
के मारी तुलसा विष्णु वर लांवा, वा संग ब्याव रचावां म्हारा राम-2
विष्णुजी तो चक्र चलावे, यो वर म्हाने नही भावे मारी मायं -2
वृंदावन से तुलसा पधारया, ……………………… म्हारा राम-2
के मारी तुलसा कृष्ण वर लांवा, वा संग ब्याव रचावां म्हारा राम-2
कृष्णजी तो म्हारे मन भाया, वाईं संग ब्याव रचावों म्हारी माय
वृंदावन से तुलसा पधारया, ……………………… म्हारा राम-2
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